Connect with us

रिपोर्टर की डायरी

पटना साहिब : 7 बार के विधायक से बदहाली पर 7 सवाल, 15 सड़कों पर ‘जनता’ के पोस्टर लगे

Published

on

  • बिहार विधानसभा स्पीकर और पटना साहिब से BJP विधायक नंदकिशोर यादव के खिलाफ लगे पोस्टर।
  • 30 साल के कार्यकाल में पटना साहिब की ‘बदहाल व्यवस्था’ को लेकर जनता ने पूछे सात सवाल।

पटना | हमारे संवाददाता

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा सोमवार (6 अक्तूबर) को हो गई, इसी रात को पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में 15 इलाकों में जनता के सवालों वाले पोस्टर लगाए जाने की खबर ने भाजपा खेमें में बवाल मचा दिया है।

सुबह उठकर लोगों ने जब अपने आसपास विधायक से इलाके के हाल से जुड़े सवालों वाले पोस्टर देखे तो इन्हें मोबाइल में कैद कर लिया, पोस्टर के कई फोटो-वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

इस विधानसभा क्षेत्र से लगातार सात बार से अजेय रहे भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव के खिलाफ सात सवालों का पोस्टर लगा दिया गया, जिसमें सबसे नीचे निवेदक ‘पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र की जनता’ लिखा हुआ है।

पटना साहिब विधानसभा के 15 इलाकों में सोमवार की रात ऐसे पोस्टर लगाए गए।

इतनी बड़ी तादाद में सड़कों पर पोस्टर लगाना विधायक के प्रति भारी आक्रोश और सुनियोजित योजना को भी दर्शाता है। कई पोस्टर मंगलवार सुबह भाजपा कार्यकर्ताओं ने हटवा दिए हैं।

ये वीडियो वायरल होने के बाद विधायक व विधानसभा स्पीकर नंदकिशोर यादव की किरकिरी हो रही है, हालांकि इसे विपक्ष की शरारत के तौर पर भी देखा जा रहा है। फिलहाल विधायक की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार है।

 

होर्डिंग लगाकर पूछे गए ‘जनता के सवाल’ – 

  1. 30 साल, फिर भी शिक्षा व्यवस्था क्यों बेहाल?
  2. 30 साल, फिर भी नौजवान क्यों लाचार?
  3. 30 साल, फिर भी अस्पताल क्यों बेकार?
  4. 30 साल, फिर भी टूटी सड़के क्यों हर बार?
  5. 30 साल, फिर भी बारिश में सिटी क्यों लाचार?
  6. 30 साल, फिर भी बस्तियाँ–मोहल्ले क्यों बीमार?
  7. 30 साल, बुनियादी सुविधाओं के लिए और कितना इंतजार?

 

 

पटना साहिब के 15 इलाकों में लगे पोस्टर

जनता के सवालों वाले पोस्टर कुछ चुनिंदा जगहों पर नहीं बल्कि पूरी विधानसभा के 15 इलाकों में लगाए जाने की सूचना मिली है, जिन इलाकों में पोस्टर लगे हैं, उनके नाम ये हैं-

1. गायघाट चौराहा
2. पश्चिम दरवाज़ा मोड़
3. गुरहट्टा मोड़
4. चौक चौराहा
5. चमडोरिया मोड़
6. पुल पर चौराहा / मरूफगंज मोड़
7. मालसलामी चौराहा
8. शाहदरा मेन रोड
9. दीदारगंज मरीन ड्राइव ड्रॉप प्वाइंट
10. पटना साहिब स्टेशन मेन रोड
11. गुलज़ारबाग स्टेशन मेन रोड
12. नून का चौराहा मेन रोड
13. महादेव स्थान लिंक रोड फ्लाईओवर के ऊपर
14. कंगन घाट मरीन ड्राइव एग्जिट
15. गायघाट मरीन ड्राइव एग्जिट

 

यह भी गौरतलब है कि होर्डिंग में विधायक नंदकिशोर यादव के कार्यकाल को तीस साल का बताकर सवाल पूछे गए हैं। हालांकि विधायक 1995 से लगातार पटनासाहिब से विधायक हैं और उनकी विधायकी को 35 साल पूरे हो चुके हैं।

 

विरोधियों की शरारत संभव 

गौरतलब है कि इस होर्डिंग में “निवेदक – पटना साहिब विधानसभा की जनता” लिखा है लेकिन इसे लगाने वाले व्यक्ति या संगठन का नाम कहीं उल्लेखित नहीं है। इसके चलते यह भी माना जा रहा है कि ऐसा किसी विरोधी दल या संगठन ने किया होगा।

 

पटना विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग जगहों पर लगे जनता के सवालों वाले होर्डिंग।

पटना विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग जगहों पर लगे जनता के सवालों वाले होर्डिंग।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

चुनावी डायरी

बिहार : NDA से सीट बंटवारा अटक रहा, महागठबंधन में सीएम फेस पर सहमति नहीं

Published

on

कोलाज- बोलते पन्ने टीम
बिहार चुनाव (कोलाज- बोलते पन्ने टीम)

पटना | हमारे संवाददाता

बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। लेकिन सबकी नजर NDA और महागठबंधन की सीट शेयरिंग पर है। दोनों गठबंधन में बैठकों का दौर जारी है। सूत्रों की माने तो महागठबंधन में सीट शेयरिंग लगभग फाइनल हो चुकी है। CM फेस पर मामला फंस रहा है। राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर आज भी महागठवंधन सहयोगी दलों की बैठक है।

दूसरी ओर, NDA में चिराग पासवान और जीतनराम माझी के दलों ने सीट बढ़वाने की डिमांड कर दी है, जिससे सीट बंटवारे पर ही बात अटकी हुई है। नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं के साथ बैठक की। खबर है कि टिकट और उम्मीदवार को लेकर पार्टी के बड़े नेताओं के साथ सीएम ने 45 मिनट चर्चा की है। जदयू अपने कोटे की सीटों और उम्मीदवारों पर मंथन जारी है। मुख्यमंत्री आवास पहुंचे जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा ने कहा, ‘एनडीए पूरी मजबूती से खड़ा है और जल्द सीट शेयरिंग हो जाएगी।

इधर, सोमवार रात बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली गए हैं। वहां चिराग पासवान के साथ मीटिंग होनी है।

जीतनराम मांझी के साथ बैठक करने पहुंचे बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, तावड़े, सम्राट चौधरी।

5 अक्तूबर को जीतनराम मांझी के साथ बैठक करने पहुंचे बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, तावड़े, सम्राट चौधरी।

चिराग- 30, मांझी- 15 सीट पर अड़े

बिहार बीजेपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान लगातार सहयोगी दलों से सीट बंटवारे को लेकर बातचीत कर रहे हैं। इस बीच चिराग की पार्टी की ने एनडीए की मुसीबत बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार, चिराग 25-30 सीटों पर अड़े हुए हैं। इधर, मांझी ने भी 15 सीटों की डिमांड कर गठबंधन में टेंशन बढ़ा दी है। दिल्ली में आज चिराग पासवान की धर्मेंद्र प्रधान के साथ मीटिंग है। जहां सीट बंटवारे पर बात होगी।

माना जा रहा है कि एनडीए अगले एक दो दिन में सीट बंटवारे का ऐलान कर सकता है।

सीटों पर फंस रहा पेंच
सूत्रों के मुताबिक एनडीए में सीटों के बंटवारे में दो मुद्दे हैं। पहला- सभी पार्टियों को मिलने वाली सीटों की संख्या तय करना। दूसरा- किसके खाते में कौन सी सीट जाएगी। चर्चा है कि एनडीए में सीटों की संख्या को लेकर काफी हद तक सहमति बन गई है, लेकिन किस पार्टी को कौन सी सीट मिलेगी इसको लेकर पेंच फंस रहा है।

कुछ सीटों पर लोजपा-रामविलास का दावा

चिराग की पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में जमुई लोकसभा सीट के तहत आने वाली चकाई और सिकंदरा विधानसभा सीट पर दावा किया था। चकाई से फिलहाल सुमित सिंह निर्दलीय विधायक हैं, जो नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं। जबकि सिकंदरा विधानसभा सीट से फिलहाल हम पार्टी के विधायक हैं। ऐसे में एक ही सीटों पर कई दलों के दावे से मामला फंस रहा है।

तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव

महागठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल, CM चेहरे पर पेंच

सूत्रों की माने तो महागठबंधन में सीट शेयरिंग लगभग फाइनल है। रविवार की देर शाम मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव के आवास पर हुई मैराथन मीटिंग के बाद दावा किया था कि सब कुछ फाइनल हो गया है।

आज तेजस्वी आवास पर फिर से महागठबंधन नेताओं की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा और लेफ्ट की पार्टियों से बात होगी। साथ ही पशुपति पारस की पार्टी को कितनी सीटें दी जाए, इस पर चर्चा है। बताया जा रहा है कि महागठबंधन में CM फेस पर पेंच फंसा है।

Continue Reading

चुनावी डायरी

मांझी की नाराजगी की खबरों के बीच ‘हम’ का बयान- एनडीए 200 से ज्यादा सीटें जीतेगा

Published

on

डॉ. संतोष कुमार सुमन, हम
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन
  •  डॉ. संतोष कुमार सुमन बोले- मोदी-नीतीश के नेतृत्व में बिहार का हुआ अभूतपूर्व विकास
  • एक दिन पहले बीजेपी चुनाव प्रभारी के सीट शेयर फॉर्मूला से नाराज हो गए थे माझी

पटना।

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा पर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और एनडीए सहयोगी डॉ. संतोष कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एनडीए पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतरेगा और हमें पूर्ण विश्वास है कि इस बार बिहार की जनता एनडीए को दोबारा प्रचंड बहुमत से जिताएगी।

उन्हेंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने पिछले वर्षों में अभूतपूर्व विकास देखा है — चाहे वह सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य या रोजगार के क्षेत्र हों, हर ओर विकास की गूंज है।

जनता एनडीए सरकार के कार्यों पर भरोसा करती है और इस चुनाव में विपक्ष के झूठे वादों को पूरी तरह नकार देगी। महागठबंधन की हार तय है और एनडीए कम से कम 200 से अधिक सीटों पर शानदार जीत दर्ज करेगा। बिहार की जनता विकास और स्थिरता के पक्ष में वोट करेगी।

उन्होंने जनता से अपील कि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में हुए ऐतिहासिक सुधारों के लिए NDA को फिर से वोट दें और मिलकर विकसित बिहार के सपने को साकार करें। मोदी जी के नेतृत्व में NDA सरकार ने बिहार को जंगलराज से निकालकर विकास और सुशासन की नई दिशा दी है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि बिहार की जनता इस बार भी विकास की राजनीति को चुनेगी, जंगलराज वालों को एक बार फिर सबक सिखायेगी।

Continue Reading

रिपोर्टर की डायरी

दुनिया से विदा ले गया वो CBI चीफ.. जिसने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था

Published

on

N K Singh की इस किताब ने उन्हें रिटायरमेंट के बाद दोबारा चर्चा में ला दिया था। (फोटो - @jai_a_dehadrai)
  • पूर्व सीबीआई संयुक्त निदेशक निर्मल कुमार सिंह मधेपुरा जिले के कुमारखंड के निवासी थे।
  • गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह के निर्देश पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था।
मधेपुरा | राजीव रंजन
बिहार के मधेपुरा जिले के कुमारखंड के निवासी और पूर्व सीबीआई संयुक्त निदेशक निर्मल कुमार सिंह (एनके सिंह) का रविवार (5 अक्टूबर 2025) रात दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया।
97 वर्षीय एनके सिंह को इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाले अधिकारी के रूप में जाना जाता था।
उनकी मृत्यु की खबर ने बिहार से लेकर झारखंड तक शोक की लहर दौड़ा दी है।
राजनीतिक हलकों में उनकी भूमिका को याद करते हुए कई दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी, जबकि ग्रामीण इलाकों में उनके योगदान की चर्चा जोरों पर है।
पुलिस मेडल और राष्ट्रपति पुलिस मेडल मिला था
1961 बैच के आईपीएस अधिकारी एनके सिंह का जन्म बिहार के मधेपुरा जिले के कुमारखंड में हुआ था। उन्होंने सीबीआई में एसपी से लेकर संयुक्त निदेशक तक का पद संभाला।
दिल्ली के पुलिस आयुक्त और बीएसएफ के महानिदेशक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहने के दौरान उन्होंने अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से ख्याति अर्जित की।
उन्हें पुलिस मेडल और राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया था। सेवानिवृत्ति के बाद वे दिल्ली में परिवार के साथ रहते थे, लेकिन हर साल बिहार के पैतृक गांव का दौरा करते थे।
इंदिरा गांधी गिरफ्तारी का ऐतिहासिक क्षण
एनके सिंह का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से अंकित है।  3 अक्टूबर 1977 को मोरारजी देसाई सरकार के दौरान, होम मिनिस्टर चौधरी चरण सिंह के निर्देश पर उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया।
यह गिरफ्तारी रायबरेली में 1977 के लोकसभा चुनाव के दौरान 100 जीपों की खरीद और एक फ्रेंच कंपनी को दिए गए अनुबंध से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों पर आधारित थी, जिसमें कथित रूप से 11 करोड़ रुपये का सरकारी नुकसान हुआ था।
यह भारत का पहला अवसर था जब किसी पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी हुई।
इसके अलावा, उन्होंने संजय गांधी और वीसी शुक्ला के खिलाफ ‘किस्सा कुर्सी का’ मामले में चार्जशीट दाखिल की।
राजनीतिक रंजिश में बेटे की जान गई
इस कार्रवाई के बाद उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके बड़े बेटे दिलीप सिंह की ट्रक दुर्घटना में कथित हत्या शामिल थी। इस घटना पर लोकसभा में चंद्रशेखर, चौधरी चरण सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और जॉर्ज फर्नांडिस जैसे विपक्षी नेताओं ने जोरदार विरोध दर्ज कराया।
समता पार्टी से भी जुड़े 
एनके सिंह का झारखंड के जमशेदपुर से गहरा संबंध था। वे झारखंड विधानसभा के पूर्व स्पीकर मृगेन्द्र प्रताप सिंह के बड़े बहनोई और बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर अमरेन्द्र प्रताप सिंह के बड़े भाई थे।
सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा—जॉर्ज फर्नांडिस द्वारा गठित समता पार्टी के संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
बाद में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बने।
उनके भतीजे संजय कुमार सिंह मधेपुरा जिले में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन के जिला अध्यक्ष हैं। मधेपुरा के कुमारखंड में उनका पैतृक घर आज भी उनका स्टाफ संभालता है।
ब्रेन हेमरेज के चलते निधन
एनके सिंह की अचानक बिगड़ती तबीयत के कारण 5 अक्टूबर को उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो दिन पहले चलते समय गिरने से ब्रेन हेमरेज हो गया था, जिसके चलते रविवार रात करीब 10:21 बजे उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में ही किया जाएगा।
आत्मकथा में CBI के किस्से उजागर किए
सेवानिवृत्ति के बाद एनके सिंह ने तीन पुस्तकें लिखीं—’खरा सच’, ‘द प्लेन ट्रुथ’ और ‘हॉल ट्रुथ’। ‘द प्लेन ट्रुथ’ में उन्होंने सीबीआई के अनुभव साझा किए, जबकि ‘हॉल ट्रुथ’ उनकी आत्मकथा है, जिसमें उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू और जमीउ के स्वतंत्रता सेनानी श्याम प्रसाद सिंह को अपने जीवन के प्रमुख प्रेरणास्रोत बताया। 1996 में जमशेदपुर में ‘द प्लेन ट्रुथ’ का विमोचन जॉर्ज फर्नांडिस, अरुण शौरी और मृगेन्द्र प्रताप सिंह जैसे दिग्गजों की उपस्थिति में हुआ था।
एक युग का अंत
मधेपुरा और जमशेदपुर में उनकी मृत्यु की खबर से शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों ने उन्हें ईमानदार अधिकारी के रूप में याद किया। राजनीतिक दलों ने उनके योगदान को सलाम किया, लेकिन विशिष्ट बयान अभी तक सामने नहीं आए।
एनके सिंह का निधन न केवल एक अधिकारी का, बल्कि एक युग का अंत दर्शाता है, जो कानून के सामने सबको समान मानने वाले सिद्धांत पर अडिग रहे। उनकी स्मृति में बिहार और झारखंड में कई कार्यक्रम आयोजित होने की संभावना है।
Continue Reading
Advertisement

Categories

Trending