चुनावी डायरी
बिहार : जनसुराज ने दूसरी लिस्ट में मुस्लिम और अति पिछड़ों को 14-14 सीटें दीं
- जनसुराज ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए दूसरी लिस्ट जारी की
- दूसरी लिस्ट में 65 को टिकट, पहली लिस्ट में 51 सीटों पर नाम जारी किए थे।
- भागलपुर दंगे का केस लड़ने वाले सीनियर वकील को टिकट दिया गया।
पटना | हमारे संवाददाता
बिहार चुनाव के लिए प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने 13 oct को अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी की दूसरी लिस्ट में 65 उम्मीदवारों को टिकट मिले हैं। खास बात यह है कि इस लिस्ट में 14 मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट मिले हैं। इससे पहले की लिस्ट में 7 मुस्लिम को टिकट मिले थे। बिहार में हाल के साल में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी दल ने इतनी तादाद में मुस्लिम समुदाय को टिकट दिए हों।
दूसरी सूची में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से 14 उम्मीदवार, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से 10 उम्मीदवार, सामान्य वर्ग से 11 उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं।
कुल 65 सीटों की लिस्ट में 19 रिजर्व सीटें और 46 जनरल सीटें हैं। यानी साफ है कि जनरल सीटों पर भी प्रशांत किशोर ने पिछड़े और मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है जो एक साहसिक कदम है।
31 जनरल सीटों पर भी पिछड़ों को टिकट
जनसुराज की दोनों लिस्ट मिलाकर कुल 116 सीट पर कैंडिडेट्स की घोषणा हो गई है, जिसमें 25 रिजर्व सीटें शामिल हैं। इसके अलावा 91 जनरल सीटों में से 31 सीटों पर भी अति पिछड़ा समाज को भागीदारी दी गई है।
भागलपुर दंगे के वकील को टिकट
भागलपुर के सीनियर वकील अभयकांत झा को टिकट दिया गया है। 74 साल के अभयकांत झा ने भागलपुर दंगे में मुस्लिमों के पक्ष में केस लड़ा था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने उनका परिचय कराते हुए पार्टी में उनका स्वागत किया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि समाज के हर वर्ग से अच्छे लोगों को चुनकर ही पार्टी 243 कैंडिडेट की लिस्ट तैयार कर रही है।
जितनी संख्या, उतनी भागीदारी पर टिकट दिए
प्रशांत किशोर ने कहा, ‘हमने जो वादा किया था कि जिसकी जितनी संख्या है, उसको उतनी भागीदारी दी जाएगी। हमने कहा था समाज से अच्छे लोगों को चुनकर लाएंगे। जब 243 नामों की घोषणा हो जाएगी तो शायद ही कोई समाज बचेगा, जिसके लोग को टिकट नहीं मिला हो।
“हमने तय किया है कि 70 अति पिछड़ा समाज के लोग चुनाव लड़ेंगे। अगर उनके पास साधन नहीं होगा तो पार्टी साधन जुटाएगी। उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी।”
इन उम्मीदवारों को मिला टिकट
- नौतन से संतोष चौधरी
- रक्सौल से कपिल देव प्रसाद
- नरकटिया से लाल बाबू यादव
- केसरिया से नाज अहमद
- कल्याणपुर से डॉ मंतोष साहनी
- चिरैया से संजय सिंह
- शिवहर से नीरज सिंह
- रीगा से कृष्ण मोहन
- बथनाहा से नवल किशोर चौधरी
- बाजपट्टी से आजम हुसैन अनवर
- सीतामढ़ी से ज़ियाउद्दीन ख़ान
- हरलाखी से रामेश्वर ठाकुर
- राजनगर सुरेंद्र कुमार दास
- झंझारपुर केशव भण्डारी
- पिपरा इंद्रदेव साह
- त्रिवेणीगंज से प्रदीप राम
- नरपतगंज से जनार्दन यादव
- ठाकुरगंज से इकरामुल हक
- महनार से राजेश चौरसिया
- राजपाकर मुकेश कुमार राम
- तरैया से सत्येंद्र कुमार साहनी
- गोरियाकोठी से एजाज अहमद सिद्दीकी
- बड़हरिया से डॉ शाहनवाज
- बहादुरपुर से अमीर हैदर
- गौरा बौराम से इफ़्तकार आलम
- कुशेश्वरस्थान से शत्रुघ्न पासवान
- सोनबरसा से सत्येंद्र हाज़रा
- मधेपुरा से शशि कुमार यादव
- सिंघेश्वर से प्रमोद कुमार राम
- कोड़ा से निर्मल कुमार राय
- मनिहारी से बबलू सोरेन
- बलरामपुर से असहब आलम
- कदवा से एमडी शहरयार
- कटिहार से डॉ गाजी शरीक
- हरनौत से कमलेश पासवान
- रूपौली से अमोद कुमार बनमनखी से मनोज कुमार ऋषि
- कस्बा से इत्तिफ़ाक़ आलम
- पातेपुर से दशाई चौधरी
- वरिशनगर से सत्य नारायण
- उजियारपुर से दुर्गा प्रसाद सिंह
- रोसड़ा से रोहित पासवान
- हसनपुर से इंदु गुप्ता
- चेरिया बरियारपुर से डॉ मृत्युंजय
- अभयकांत झा – भागलपुर
- डॉ शाहनवाज – बड़हरिया
- शिवहर – नीरज सिंह
- लालाबाबू यादव – नरकटिया
- मंतोष सहनी – कल्याणपुर
- राजीव रंजन सिंह – संदेश
- आजम अनवर हुसैन – बाजपट्टी
- रत्नेश्वर ठाकुर – हरलाखी
- जनार्दन यादव – नरपतगंज
- तनुजा कुमारी – इस्लामपुर
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बिहार : सीनियर सिटिजन व दिव्यांग वोटरों ने कर दिया चुनाव का आगाज
- होम वोटिंग की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए।
लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य
बिहार में सीनियर सिटिजन व दिव्यांग मतदाताओं की वोटिंग 25 अक्तूबर को पूरी हो गई। होम वोटिंग के दौरान मतदाताओं में खूब उत्साह देखा गया।
इसके लिए जिला प्रशासन ने घर-घर जाकर वोटिंग कराई। 85 साल से अधिक उम्र के सीनियर सिटिजनों के घर जाकर चुनाव अधिकारियों ने वोटिंग करायी।
लखीसराय में होम वोटिंग (घर-घर जाकर मतदान) की विशेष व्यवस्था के तहत 24 व 25 अक्टूबर को वोट डलवाए गए। जिले की सूर्यगढ़ा व लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में पाँच-पाँच मतदान टीमों ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करायी।
लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 14 वरिष्ठ मतदाता एवं 27 दिव्यांग मतदाता, कुल 41 मतदाता चिन्हित किए गए थे। जिला प्रशासन के कुशल पर्यवेक्षण में इन सभी 41 मतदाताओं का मतदान एक ही दिन में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
वहीं, सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 42 वरिष्ठ मतदाता एवं 22 दिव्यांग मतदाता, कुल 64 मतदाता चिन्हित थे। इनमें से 57 मतदाताओं का मतदान 24 अक्टूबर को ही करा लिया गया तथा शेष 7 मतदाताओं का मतदान 25 अक्टूबर (शनिवार) को पूर्ण कराया गया। इस प्रकार दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
चुनावी डायरी
चुनावी मंच से अनाउंसर ने चिराग का नाम लिया, पीएम मोदी ने इशारा करके नीतीश कुमार को भिजवाया
- बिहार में चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी का पहला प्रचार दौरा।
- समस्तीपुर में रैली के दौरान नीतीश कुमार को भाषण देने के लिए आगे किया।
- चिराग पासवान के नाम का अनाउंसमेंट सबसे पहले हुआ पर फिर नहीं बुलाया।
समस्तीपुर | हमारे संवाददाता
पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार (24 oct) को समस्तीपुर में NDA उम्मीदवार के प्रचार के लिए पहुंचे, इस दौरान पीएम मोदी ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को होने से बचा लिया। दरअसल दूधपुरा हवाई अड़्डा मैदान में हुई चुनावी जनसभा के दौरान अनाउंसर ने पीएम के भाषण से पहले सीएम नीतीश कुमार की जगह चिराग पासवान को भाषण देने के लिए तरजीह दी।
भाषण देने के लिए चिराग पासवान के नाम की घोषणा के तुरंत मंच पर बैठे पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने बायीं ओर मौजूद सीएम नीतीश कुमार की ओर इशारा करते हुए अनाउंसर को संकेत दिया कि उन्हें मंच पर बुलाया जाए।
इसके बाद अनाउंसर ने समझदारी दिखाते हुए न सिर्फ सीएम नीतीश कुमार को मंच पर बुलाया, उससे पहले ‘विकास पुरुष’ कहते हुए उनके जिंदाबाद के नारे भी लगवाए। नीतीश कुमार ने मंच पर आकर दस मिनट का लिखा हुआ भाषण पढ़ा। और इसके बाद पीएम मोदी का 45 मिनट का भाषण हुआ।
चिराग को दोबारा भाषण के लिए नहीं बुलाया
हैरानी की बात यह रही कि चिराग पासवान को दोबारा भाषण के लिए नहीं बुलाया गया, जिसके अब राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। इस मामले का वीडियो वायरल हो रहा है, जबकि बीजेपी के फेसबुक लाइव से इस हिस्से को काट दिया गया है। बीजेपी का लाइव वहां से शुरू होता है जब सीएम नीतीश को भाषण देने के लिए अनाउंसर आमंत्रित कर रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी के मंच से नीतीश कुमार की जगह चिराग पासवान को अगर आगे कर दिया गया होता, जैसा कि अनाउंस हो चुका था, तो ये स्थिति आगे जदयू और बीजेपी के बीच एक और क्लैश की वजह बन सकती थी, जिसे समय रहते पीएम मोदी ने बचा लिया। ये चुनावी जनसभा दूधपूरा में NDA के प्रत्याशियों के समर्थन में की गई थी।
चिराग को लेकर JDU की BJP से चल रही थी नाराजगी
NDA के दलों के बीच हुए सीट बंटवारे के बाद जदयू, बीजेपी से नाराज हो गयी थी क्योंकि उसकी नौ सीटों को चिराग पासवान की लोजरा(रामविलास) को दे दिया गया था। तब राजनीतिक हलकों में खबरें थीं कि JDU की पारंपरिक सीटों पर लोजपा को आगे करके भाजपा उसे कमजोर करना चाहती है ताकि चुनाव के बाद JDU और नीतीश कुमार को साइडलाइन किया जा सके।
CM चेहरे को लेकर अमित शाह के बयान ने नाराजगी बढ़ाई
इसके सप्ताह भर बाद ही अमित शाह का एक बयान सामने आया, जिसने जदयू की नाराजगी और बढ़ा दी। टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा था कि जीते हुए विधायक अपना सीएम चुन लेंगे। ये कहकर उन्होंने नीतीश कुमार को सीएम बनाने का बात टाल दी थी। इसके बाद चिराग पासवान ने अमित शाह के बयान का समर्थन किया था। फिर उनका एक और बयान सामने आया कि ‘वे भी बिहार का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं पर वे यह सब-कुछ तुरंत नहीं चाहते।’
पीएम ने नीतीश की तारीफ की, जनता को ‘जंगल राज’ याद दिलाया
PM मोदी ने अपने भाषण में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली NDA सरकार के दौरान हुए विकास को गिनाया। उन्होंने लोगों को अपने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने को कहा। फिर बोले- इस लाइट के सामने क्या किसी को लालटेन की जरूरत है? बता देें कि लालटेन RJD का चुनाव चिन्ह है।
फिर वे बोले कि ‘कांग्रेस के शासन में मोबाइल बहुत महंगा था। विदेश से मंगवाना पड़ता था। उस वक्त मोबाइल फोन बनाने वाली सिर्फ 2 फैक्ट्री थी, अब 200 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। NDA सरकार में डेटा भी सस्ता है। इस वजह से नौजवानों को कंटेंट क्रिएशन का नया मार्केट मिला है। आज बिहार में ये मोबाइल, ये प्रकाश हर कोई देख रहा है।’ अपने भाषण में उन्होंने 17 बार जंगलराज का जिक्र किया।
कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव भी गए
पीएम मोदी समस्तीपुर जिला में भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक आवास कर्पूरीग्राम में माल्यार्पण करने पहुंचे, इसके बाद जनसभा को संबोधित किया। नीतीश कुमार और पीएम मोदी दोनों ने ही अपने-अपने भाषणों में कर्पूरी ठाकुर का जिक्र किया। नीतीश कुमार ने पूरे समय लिखा हुआ भाषण पढ़ा। मोदी बोले कि कर्पूरी ठाकुर को NDA ने सम्मान दिया।
चुनावी डायरी
बिहार में कांग्रेसी अपने ही नेता के खिलाफ ‘वोट चोर’ का नारा क्यों लगा रहे?
- बिहार में कांग्रेस नेताओं की प्रदेश लीडरशिप के साथ नाराजगी बढ़ी।
- एयरपोर्ट पर हंगामा, प्रेस कॉफ्रेंस के बाद अब पार्टी ऑफिस में धरना दे रहे।
- बिहार प्रदेश अध्यक्ष और बिहार प्रदेश प्रभारी पर टिकट बेचने का आरोप लगाया।
पटना | हमारे संवाददाता
बिहार में कांग्रेसी अपनी ही प्रदेश लीडरशिप के खिलाफ ‘वोट चोर-बिहार छोड़’ का नारा लगा रहे हैं। राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा के दौरान वोटर लिस्ट की जांच की SIR प्रक्रिया के खिलाफ वोट चोरी का नारा दिया था। गुरुवार को पटना में कांग्रेस पार्टी ऑफिस के अंदर धरना दे रहे नेताओं ने यही नारा राज्य के नेताओं के ऊपर लगाकर उन्हें हटाने की मांग कर डाली।
23 अक्तूबर को कांग्रेस के नाराज नेताओं ने बिहार पार्टी हेडक्वार्टर सदाकत आश्रम में सामूहिक उपवास और धरना-प्रदर्शन किया। इससे पहले 15 अक्तूबर को टिकट कटने से नाराज कांग्रेस नेता एयरपोर्ट पर अपने बिहार प्रभारी के खिलाफ प्रदर्शन और धक्का-मुक्की तक कर चुके हैं।
नाराजगी इतने पर भी नहीं रुकी, 18 अक्तूबर को नाराज कांग्रेसियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया के सामने अपनी बात रखी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम व प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने विधानसभा टिकट मोटी रकम लेकर बेचे।
इस दौरान कांग्रेस रिसर्च कमेटी के अध्यक्ष व प्रवक्ता आनंद माधव ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस प्रभारी को भाजपा का ‘स्लीपर सेल’ कहा
23 अक्तूबर को आनंद माधव समेत दर्जनभर नेताओं ने काली पट्टी बांधकर पार्टी ऑफिस में धरना दिया। इस दौरान कांग्रेस नेता आनंद माधव ने प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू को बीजेपी का ‘स्लीपर सेल’ तक कह दिया।
उन्होंने कहा कि ‘कृष्णा अल्लावरू और उनकी टीम ने टिकट की खरीद फरोख्त की है। जब भारतीय जनता पार्टी का स्लीपर सेल यहां काम करेगा तो राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्होंने बिना किसी पैरामीटर के एक दिन पहले उठाए लोगों को टिकट दे दिया।’
आरोपों पर क्या बोले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा है कि चुनावी वर्ष में टिकट बेचने के आरोप आम हैं, ये कार्यकर्ता पार्टी के अंदर धरना दे रहे हैं जो इनका हक है। उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन अगर कोई गंभीर मामला सामने आता है, तो जांच जरूर होगी।
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