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CJI गवई की मां के RSS विजयादशमी में जाने का विवाद बढ़ा तो ‘फैसला’ बदला

नई दिल्ली |
मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई की मां और सामाजिक कार्यकर्ता कमल ताई गवई को नागपुर में 5 अक्तूबर को होने जा रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विजयादशमी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाया जाना था। पर विवाद के बाद उन्होंने फैसला वापस ले लिया है।
इसको लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई क्योंकि इस बार की विजयादशमी पर संघ अपने 100 वर्ष पूरे होने की ओर बढ़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई (फोटो – sci.gov.in)
जब विवाद ज्यादा बढ़ा और CJI भी इसके घेरे में आने लगे तो उनकी मां ने कार्यक्रम में न जाने का मन बना लिया है। उनके भाई ने द हिन्दू को बताया कि मां इस विवाद से दुखी हैं और अभी उन्होंने यह निर्णय नहीं लिया है कि वे उसमें जाएंगी या नहीं।
CJI के भाई बोले- इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
स्थानीय मीडिया से बात करते हुए CJI गवई के भाई व भारतीय रिपब्लिकन पार्टी (आठवले) के नेता राजेंद्र गवई ने कहा था कि उनकी मां के RSS के कार्यक्रम में जाने पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने 30 सितंबर को कहा, “हमारा परिवार पार्टी की सीमाओं से ऊपर उठकर हमेशा रिश्ते बनाता रहा है। यह आमंत्रण वैचारिक नहीं, व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर है।”
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बिहार विधानसभा चुनाव Live: दो फेज़ में 6-11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को रिजल्ट आएगा

- नई दिल्ली में चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार चुनाव को लेकर घोषणाएं कर रहा है।
नई दिल्ली |
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly election 2025) को दो चरण में 6 और 11 नवंबर को कराया जाएगा। यानी बिहार में चुनाव छठ पर्व के एक सप्ताह में होने जा रहा है।
चुनाव का का रिजल्ट 14 नवंबर को आएगा, यानी इस दिन यह साफ हो जाएगा कि बिहार में अगली सरकार किसकी होगी।
चुनाव आयोग ने नई दिल्ली में 6 अक्तूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा कर दी है।
इस बार के चुनाव में बिहार के 7.42 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, 243 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें रिजर्व रहेंगी, जिसमें SC के लिए 38 और ST के लिए 2 सीटें रिजर्व की गई हैं।
अब भी वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकेंगे
चुनाव आयोग ने बिहार के लोगों के अपील की है कि वे नई जारी वोटर लिस्ट में अपना नाम जांचें। अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो उसे जुड़वाया जा सकता है। इसके लिए उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के दस दिन पहले तक का समय रहेगा।
चुनाव उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के लिए अंतिम तारीख 17 व 20 अक्तूबर रखी गई है।
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ओड़िशा : कटक में विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा, 36 घंटे का कर्फ्यू

- कटक में तीन अक्तूबर को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान दो गुटों में झड़प, तीन दिन बाद भी तनाव जारी
नई दिल्ली |
ओडिशा के कटक में हुई ताजा हिंसा की घटनाओं व सामाजिक तनाव ने शांति को तार-तार कर दिया है। दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान 3 अक्तूबर को कुछ विवादित गीतों को तेज़ आवाज में बजाने को लेकर हुए झगड़े के बाद यहां तीसरे दिन भी तनाव जारी है।
बीते रविवार को प्रशासन ने 12 घंटों के लिए सोशल मीडिया और इंटरनेट पर बैन लगा दिया था। हालात काबू में न आने पर अगले 36 घंटों के लिए कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया है।
सोमवार को विश्व हिन्दू परिषद ने विरोध में बंद बुलाया, जिसके बाद हिंसा की ताजा घटनाओं की खबर है।
बता दें कि राज्य में भाजपा की सरकार है और प्रमुख विपक्षी दल ‘बीजू जनता दल’ (BJD) है।
मुख्यमंत्री मोहन माझी व विपक्षी दल बीजेडी के प्रमुख नवीन पटनायक ने शांति की अपील की है।
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- कटक में तीन दिन का कर्फ्यू, 13 पुलिस क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू।
- जिले में 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात, कई संपत्तियां तोड़ी गईं।
- हिंसा के बाद बाजार और स्कूल बंद, लोग घरों में कैद।
- 5 अक्टूबर को 12 घंटे का सोशल मीडिया बैन, इंटरनेट सेवा निलंबित।
- VHP ने 6 अक्टूबर को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया।
- हिंसा में 25 पुलिसकर्मी घायल, सीएम मोहन माझी ने शांति की अपील की।
हिंसा कैसे शुरू हुई?
- 3 अक्टूबर 2025: दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान समूहों के बीच झड़प, कटक में तनाव पैदा हुआ।
- 5 अक्टूबर 2025: VHP रैली और कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो गया, आगजनी और पथराव की घटनाएं।
- 6 अक्टूबर 2025: सरकार ने 36 घंटे का कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी का फैसला लिया।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सोनम वांगचुक की हिरासत का आधार मांगा

- दस दिनों के भीतर केंद्र को जवाब देना है, अगली सुनवाई 10 अक्तूबर को होगी।
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- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अलावा, लद्दाख प्रशासन व जोधपुर जेल के अधीक्षक को भी नोटिस जारी किया।
- गीतांजलि अंगमो ने NSA (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) के तहत हिरासत को चुनौती दी, स्वास्थ्य जानकारी की मांग की।
- सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वांगचुक को हिरासत के आधार पहले ही दिए गए।
केंद्र का दावा: सरकार का कहना है कि वांगचुक की हिरासत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी थी, प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी।
याचिकाकर्ता का पक्ष: पत्नी गीतांजलि ने कहा कि हिरासत के आधार नहीं दिए गए, स्वास्थ्य की जानकारी नहीं, NSA का दुरुपयोग हुआ।
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