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चुनावी डायरी

NDA का संकल्प पत्र जारी: 1 करोड़ सरकारी नौकरियों का वादा, पिछड़ी जातियों की स्थिति का रिव्यू कराएंगे

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NDA गठबंधन ने शुक्रवार की सुबह बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मेनिफेस्टो जारी कर दिया।
NDA गठबंधन ने शुक्रवार की सुबह बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मेनिफेस्टो जारी कर दिया।
पटना|
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एनडीए ने अपना संयुक्त घोषणा पत्र ‘संकल्प पत्र’ जारी कर दिया। NDA ने 1 करोड़ सरकारी नौकरियों का वादा किया है। साथ ही घोषणा की है कि एक हाई-लेवल कमिटी बनाकर पिछड़ी जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाएगा। ये समिति रिटायर सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में बनेगी। साथ ही, अति पिछड़ी जातियों को 10 लाख की सहायता देने की भी घोषणा की है।
मेनिफेस्टो में 25 वादे किए 
भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोसपा के गठबंधन ने रोजगार, बुनियादी ढांचे और महिला सशक्तिकरण पर फोकस करते हुए 25 प्रमुख वादे किए। पटना के होटल मौर्या में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संकल्प पत्र पेश किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान, हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा मौजूद रहे लेकिन भाषण सिर्फ सम्राट चौधरी ने दिया।
हर जिले में मेगा स्किल सेंटर 
संकल्प पत्र में रोजगार को प्राथमिकता दी गई। एनडीए ने 1 करोड़ सरकारी नौकरियां देने का वादा किया। साथ ही वादा किया कि हर जिले में मेगा स्किल सेंटर खोले जाएंगे, ताकि बिहार वैश्विक स्किलिंग हब बने।
महिला रोजगार योजना में 2 लाख तक सहायता
महिलाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ से 2 लाख तक सहायता और ‘महिला मिशन करोड़पति’ से 1 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाया जाएगा।
कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि 
एक योजना की घोषणा की गई है- कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि। जिसमें  किसानों को सालाना 3 हजार रूपये मिलेंगे। 1 लाख करोड़ का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश, एमएसपी पर पंचायत स्तर पर धान-गेहूं-दाल-मक्का की खरीद किए जाने की घोषणा की गई है।
‘मत्स्य-दुग्ध मिशन’ से मछुआरों को 9 हजार और हर ब्लॉक में चिलिंग सेंटर।
2030 तक दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता। 5 मेगा फूड पार्क और कृषि निर्यात दोगुना।
बुनियादी ढांचा- 4 नए शहरों में मेट्रो, 7 एक्सप्रेसवे 
मेनिफेस्टो में बिहार गति शक्ति मास्टर प्लान पेश किया है। जिसके तहत 7 एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे, 4 नए शहरों में मेट्रो की घोषणा की गई है। साथ ही 3,600 किमी रेल ट्रैक का आधुनिकीकरण होगा।  अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो रैपिड रेल विस्तार की भी घोषणा है।

बोलते पन्ने.. एक कोशिश है क्लिष्ट सूचनाओं से जनहित की जानकारियां निकालकर हिन्दी के दर्शकों की आवाज बनने का। सरकारी कागजों के गुलाबी मौसम से लेकर जमीन की काली हकीकत की बात भी होगी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए। साथ ही, बोलते पन्ने जरिए बनेगा .. आपकी उन भावनाओं को आवाज देने का, जो अक्सर डायरी के पन्नों में दबी रह जाती हैं।

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नेता आए, शहर ठप: अमित शाह के प्रचार में 6 घंटे का ‘कर्फ्यू’, जनता पैदल!

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लखीसराय में रैली को संबोधित करते अमित शाह
लखीसराय में रैली को संबोधित करते अमित शाह
प्रशासन ने अधिसूचना जारी करके सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक दोपहिया वाहनों तक की एंट्री पूरी तरह बंद कर दी।
लखीसराय | गोपाल प्रसाद आर्य
बिहार चुनाव प्रचार के बीच नेताओं के दौरे शहर को कर्फ्यू जैसा बना देते हैं। लखीसराय जिले में ऐसा ही नजारा दिखा, जब गृह मंत्री अमित शाह के आगमन ने मुख्य सड़क को घंटों ब्लॉक कर दिया। शहर का वातावरण और लोगों का आना-जाना रुक गया। बिहार में यह दृश्य इन दिनों लगभग हर जिले में आम है क्योंकि बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार के दौरे हो रहे हैं। 
अमित शाह सुबह 10 बजे पहुंचे, लेकिन दोपहर 12 बजे आरके उच्च विद्यालय के प्रांगण में 45 मिनट की अभिवादन तक भारी समस्या बनी रही। जमुई मार्ग से लखीसराय शहीद द्वार तक 3 किमी का मुख्य बाजार का रास्ता लोगों को पैदल पार करना पड़ा। ये रास्ता रेलवे स्टेशन, जमुई, सिकंदरा और मुंगेर-पटना जाने वाला इकलौता रूट है। यह रूट तीन घंटे से ज्यादा ब्लॉक रहा।
बाजार में दुकानें बंद रहीं, लोग पैदल 3 किमी तक चलकर मंजिल तक पहुंचे। दोपहर दो बजे के बाद पूरी तरह ट्रैफिक सामान्य हो सका।
मीडिया के दोपहिया वाहन और ई-रिक्शा तक रोके गए। जमुई मोड़, पचना रोड चौक, कबैया मोड़, शहीद द्वार और मच्छलहटा तक जिला पुलिस व सीआईएसएफ के जवान बेरिकेडिंग पर तैनात रहे।
जिला प्रशासन ने 29 अक्तूबर की तारीख में अधिसूचना जारी की पर इसे मीडिया को 30 अक्तूबर की सुबह जारी किया गया। इसके दो घंटे के बाद मुख्य रूट चेंज किया, जिसमें वायपास, पुराना अस्पताल, शहीद द्वार से बालिका विधायी संस्थान रूट तक बदलाव किया गया।
शाह के जाने के बाद ही रास्ता खुला।
वरिष्ठ अधिकारी से बात पर ‘कॉपरेट’ करने की बात कही गई। शाह ने रैली में ‘जंगल राज’ पर तंज कसा, लेकिन आमजन की परेशानी पर चुप्पी। बिहार में ऐसे ‘कर्फ्यू’ अब आम हैं—प्रचार की चमक में जनजीवन की फिक्र भूल जाती है।
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NDA के ‘साझा’ घोषणा पत्र का अकेले सम्राट चौधरी ने किया ऐलान, CM नीतीश कुमार की मौन मौजूदगी से सवाल उठाए

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मेनिफेस्टो घोषणा के दौरान सिर्फ सम्राट चौधरी ने ही भाषण दिया।
  • एक दिन पहले अमित शाह ने कहा था- सम्राट चौधरी को बड़ा आदमी बना देंगे पीएम मोदी
  • बिहार की सियासत में ‘अकेला’ सम्राट, बीजेपी की रणनीति से जदयू कैडर फिर सतर्क

पटना | हमारे संवाददाता

बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां चरम पर हैं, और आज एनडीए ने अपना साझा घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) जारी किया। लेकिन यह समारोह साझेदारी की बजाय एकाकीपन की कहानी बन गया। मंच पर फोटो खिंचवाते समय तो भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी जैसे दिग्गज नजर आए। लेकिन जब प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय आया, तो माइक थामे केवल एक चेहरा दिखा – उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी।

पटना में NDA ने अपना घोषणापत्र जारी किया, इस दौरान मंच पर सभी बड़े नेता मौजूद रहे पर सम्राट चौधरी ने ही मीडियो को संबोधित किया।

पटना में NDA ने अपना घोषणापत्र जारी किया, इस दौरान मंच पर सभी बड़े नेता मौजूद रहे पर सम्राट चौधरी ने ही मीडियो को संबोधित किया।

एक हाथ में माइक, दूसरे में घोषणा पत्र पकड़े वे अकेले ही वादों का पाठ चला गए। बाकी नेता? या तो मंच से खिसक लिए, या खिसका दिए गए। यह दृश्य न सिर्फ सियासी पर्यवेक्षकों को चौंका गया, बल्कि एनडीए के भीतर उबाल पैदा कर दिया। क्या यह महज संयोग था, या बिहार की सत्ता की कुर्सी पर नजर टिकाने वाली रणनीति का हिस्सा?

एनडीए का यह घोषणा पत्र बिहार के विकास, रोजगार, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर केंद्रित है। इसमें 2025-30 के लिए 1 करोड़ नौकरियां देने, ग्रामीण सड़कों का विस्तार और महिला सशक्तिकरण जैसे वादे हैं। साझा होने के बावजूद, प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझेदारी का नामोनिशान न होना सवालों का पुलिंदा खोल गया।

सम्राट चौधरी ने संकल्प पत्र घोषणा के बाद नीतीश कुमार के साथ खिंचवाए फोटो को फेसबुक पर शेयर किया है।

सम्राट चौधरी ने संकल्प पत्र घोषणा के बाद नीतीश कुमार के साथ खिंचवाए फोटो को फेसबुक पर शेयर किया है।

नीतीश कुमार, जो अब तक एनडीए के चेहरे के रूप में उभरे हैं, क्यों गायब हो गए? क्या भाजपा उन्हें ‘साइडलाइन’ करने की कोशिश कर रही है? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना बिहार की जटिल गठबंधन राजनीति का आईना है। नीतीश की जेडीयू और भाजपा के बीच 2020 से चले आ रहे गठबंधन में संतुलन बना हुआ था, लेकिन 2025 चुनाव से पहले यह संकेत दे रहा है कि भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

सम्राट चौधरी, जो बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, अब उपमुख्यमंत्री के रूप में उभर रही हैं। उनकी अकेली प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखें तो लगता है जैसे भाजपा एक नया चेहरा प्रोजेक्ट कर रही हो – एक ऐसा चेहरा जो युवा, आक्रामक और पार्टी-केंद्रित हो।

चुनावी जनसभा के दौरान सम्राट चौधरी को अमित शाह ने 'प्रमोट' करने का संकेत दिया था।

चुनावी जनसभा के दौरान सम्राट चौधरी को अमित शाह ने ‘प्रमोट’ करने का संकेत दिया था।

इस घटना को समझने के लिए दो दिन पहले अमित शाह के बयान को जोड़कर देखना जरूरी है। चुनाव प्रचार के दौरान शाह ने कहा, “आप सब सम्राट चौधरी को जिताइए, मोदी जी इनका प्रोमोशन कर देंगे।” यह बयान सतही तौर पर हल्का-फुल्का लग सकता है, लेकिन गहराई में यह सत्ता के हस्तांतरण का संकेत देता है। उपमुख्यमंत्री को ‘प्रमोशन’ देकर प्रधानमंत्री तो नहीं बनाया जा सकता, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तो बिठाया ही जा सकता है। क्या आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस इसी रणनीति का अघोषित हिस्सा है?

भाजपा की राष्ट्रीय रणनीति को देखें तो यह पैटर्न नया नहीं। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी नीतीश को चेहरा बनाया गया, लेकिन अब जब बिहार में भाजपा का वोट शेयर 25% के ऊपर पहुंच चुका है, तो पार्टी अकेले दम पर दावा ठोंकने को तैयार लग रही है। सम्राट चौधरी का उदय इसी का प्रतीक है, जिसके माध्यम से भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे को मजबूती से पेश कर सकती हैं।

कांग्रेस ने इस घटना पर तीखा हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, “यह भाजपा की साजिश है—नीतीश जी को साइडलाइन कर सम्राट को आगे बढ़ा रही है। अमित शाह का ‘प्रमोशन’ बयान साफ बताता है कि भाजपा गठबंधन तोड़ने की तैयारी कर रही है। नीतीश जी को ‘यूज एंड थ्रो’ समझा जा रहा है।” कांग्रेस प्रवक्ता ने जोड़ा, “एनडीए का साझा घोषणा पत्र झूठा है—भाजपा अकेले सत्ता हथियाना चाहती है, नीतीश सिर्फ मुखौटा हैं।”

नीतीश कुमार के समर्थक कैडर इस मामले को लेकर बेहद सतर्क और संवेदनशील हैं। जेडीयू के ग्रासरूट कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह ‘धोखा’ का संकेत है। एक वरिष्ठ जेडीयू नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “नीतीश जी ने एनडीए को बिहार में मजबूत किया, लेकिन अब भाजपा हमें ‘यूज एंड थ्रो’ समझ रही है। अगर सम्राट को CM का चेहरा बनाया गया, तो हमारा वोट शिफ्ट हो जाएगा।

कुल मिलाकर, यह घटना बिहार चुनाव को और रोचक बना रही है। एनडीए की एकजुटता पर सवाल उठे हैं, और भाजपा की ‘वन लीडर’ रणनीति स्पष्ट हो रही है। अगर सम्राट चौधरी को आगे बढ़ाया गया, तो नीतीश का लंबा राजनीतिक सफर खतरे में पड़ सकता है। लेकिन बिहार की जनता, जो जाति और विकास के आधार पर वोट देती है, अंतिम फैसला करेगी। क्या यह संकेत NDA के विघटन का है, या महज प्रचार की चाल? आने वाले दिनों में साफ होगा। फिलहाल, सम्राट चौधरी का अकेलापन सियासत की नई कहानी लिख रहा है – एक ऐसी कहानी जहां साझेदारी शब्द मात्र रह गई है।

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बिहार : प्रचार के दौरान गाड़ी चढ़ाकर नेता की हत्या, बाहुबली अनंत सिंह के राइट हैंड थे, उनके समर्थकों पर ही आरोप

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अनंत सिंह के राइट हैंड माने जाते थे दुलारचंद, उन्हीं के समर्थकों पर हत्या का आरोप
  • पटना के मोकामा टाल क्षेत्र में पैठ रखने वाले राजद नेता दुलारचंद की हत्या
  • बाहुबली अनंत सिंह के राइट हैंड माने जाते थे, अभी जनसुराज का समर्थन कर रहे थे।
  • जनसुराज के काफिले में मौजूद थे दुलार चंद, अनंत सिंह के समर्थकों पर गोली मारने का आरोप
घोसवरी (पटना) | कन्हैया मिश्रा 
बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारकर और गाड़ी चढ़ाकर एक नेता की हत्या करने का मामला सामने आया है। मरने वाले नेता का नाम दुलारचंद यादव (70) है जो लालू यादव के करीबी रह चुके हैं और बाहुबली अनंत सिंह के राइट हैंड कहे जाते थे। हाल के दिनों में उन्होंने राजद से दूरी बना ली थी और वे जनसुराज के प्रत्याशी के लिए कैंपेनिंग कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना के समय भी दुलार चंद यादव, जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के काफिले में मौजूद थे और सामने से अनंत सिंह का काफिला आ रहा था। अनंत सिंह के काफिले ने जनसुराज प्रत्याशी के काफिले को रोकने की कोशिश की, जिसका विरोध करने पर दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई। घटना के बाद से इलाके में तनाव है और पुलिस व अर्धसैनिक बलों ने इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है।
SP विक्रम सिहाग का कहना है कि दोनों ओर से झड़प हुई और दुलार चंद यादव के पैर पर गोली लगी है। ऐसी जानकारी मिली है कि दुलारचंद के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी गई जिससे मौके पर उनकी मौत हो गई, हालांकि इन आरोपों की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
इस हत्या का आरोप मोकामा के बाहुबली नेता व जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों पर लगा है, हालांकि उन्होंने आरोपों से इनकार किया है। अनंत सिंह का कहना है कि ये हत्या पूर्व विधायक सूरजभान ने करवायी है। दरअसल बाहुबली सूरजभान की पत्नी वीणा देवी भी मोकामा सीट से राजद के लिए चुनाव मैदान में हैं।
अनंत सिंह के लिए यादव वोट जुटाते थे दुलारचंद
गौैरतलब है कि दुलारचंद यादव को मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह का लंबे समय तक ‘राइट हैंड’ माना जाता था, पर राजद से अलग होने के बाद दोनों के बीच दूरी आ गई।
मोकामा के ग्रामीण इलाके ‘टाल क्षेत्र’ में यादव व धानुक समाज के लोगों के बीच दुलार चंद यादव की खास पैठ थी, यहां तक कहा जाता है कि उनके कहने पर ही यहां के 1 लाख वोटर में से अधिकांश का समर्थन अनंत सिंह को मिलता आ रहा था, जो उन्हें इस सीट से चार बार जिताने में मददगार बना।
इस बार अनंत सिंह ने राजद का दामन छोड़कर जदयू से टिकट लिया है और दूसरी ओर उनके पुराने साथी दुलारचंद ने सार्वजनिक रूप से जनसुराज का समर्थन शुरू कर दिया, जिसके बाद दोनों के बीच दूरियां बतायी जा रही थीं।
घटनास्थल पर दुलारचंद यादव के शरीर पर खून के निशान देते जा सकते हैं।

घटनास्थल पर दुलारचंद यादव के शरीर पर खून के निशान देते जा सकते हैं।

शाम चार बजे काफिले पर हमला, मौके पर मौत
यह घटना गुरुवार की शाम चार बजे घोसवारी थाना क्षेत्र के बदलू चक गांव के पास हुई। दरअसल एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह अपने काफिले के साथ तारतार पंचायत में चुनाव प्रचार करने गये थे। जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी और दुलारचंद यादव, पंडारक के खुशहालचक गांव में जनसंपर्क अभियान चलाने गये थे। शाम करीब चार बजे दोनों प्रत्याशियों का काफिला लौटते समय आमने-सामने आ गया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अनंत सिंह समर्थकों ने थार गाड़ी को सड़क पर आड़े-तिरछे खड़ा कर दिया और पीयूष प्रियदर्शी का काफिला रोक दिया। इसके बाद पीयूष के साथ मारपीट की गई और गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। प्रतिक्रिया में जनसुराज समर्थकों ने भी पथराव किया।
इस दौरान दुलारचंद ने उतरकर प्रत्याशी पीयूष की मदद करने की कोशिश की, इस दौरान हमलावरों ने पहले उनके पैर में गोली मारी। उसके बाद 15-20 लोगों ने गाड़ी चढ़ा दी, जिससे दुलारचंद की मौके पर ही मौत हो गई।
दुलारचंद के पोेते ने कहा- अनंत सिंह बार-बार धमकी दे रहे थे

मृतक दुलारचंद के चचेरे पोते रविरंजन कुमार ने बताया, ‘अनंत सिंह की ओर से हमें बार-बार जान से मारने की धमकी मिल रही थी। आज अनंत सिंह आए थे। हमारा गोतिया प्रमुख उनके साथ बैठा था। दोनों ने मिलकर क्या योजना बनाई, नहीं पता।

दोनों यहां से निकले। गाड़ी में प्रमुख गोतिया के साथ अनंत सिंह का भतीजा भी था, लेकिन उसका चेहरा ठीक से नहीं देख पाए। थोड़ी देर बाद 15-20 लोग आए और दादा को गोली मार दी। इसके बाद गाड़ी भी चढ़ाई। हम डर से उधर जा नहीं रहे थे।

अनंत सिंह ने पूर्व विधायक सूरजभान पर आरोप लगाया
अनंत सिंह ने हमले का खंडन करते हुए उल्टा पूर्व विधायक सूरजभान सिंह पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “ये सारा खेल सूरजभान का है। दुलारचंद को उसने अपने यहां रखा था। वो उसी के साथ रहता था।”
“दोनों पक्षों के बीच झड़प के बाद एक की मौत हुई है। हालांकि जनसुराज के प्रत्याशी की ओर से आरोप लगाया गया है कि उनके समर्थक पर गाड़ी चढ़ाई गई। इस आरोप की जांच की जा रही है। मौके पर एफएसएल की टीम ने पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैं। ” – एसपी विक्रम सिहाग 
चार दिन पहले गीत गाने का वीडियो वायरल हुआ था
दुलारचंद को मोकामा टाल क्षेत्र में कुख्यात अपराधी माना जाता था, इनके ऊपर लैंड ग्रैबिंग, वसूली, फायरिंग और मारपीट के कई केस दर्ज थे। चार दिन पहले दुलारचंद का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह लालू मुखिया के समर्थन में गीत गा रहे थे। 
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तेजस्वी बोले- मोदी जी 30 साल पुरानी बातें करते हैं, इस घटना पर क्या कहेंगे ?

तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री जी आप भी आंख खोलकर थोड़ा देख लीजिए कि बिहार का क्या हाल हो गया है, चुनावी आचार संहिता में लोग खुलेआम बंदूक लेकर हत्या कर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में ये किस तरह का काम हो रहा है, यह बताता है कि बिहार में कौन राज कर रहा है। प्रधानमंत्री जी, आप 30 साल पुरानी बातें करते हैं, इस घटना पर क्या कहेंगे?

दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने मोकामा में हत्या की घटना पर कहा कि ‘बिहार की जनता से अपील कर रहा हूं कि यही गुंडाराज है, जल्दी विदाई कीजिए इन लोगों की।’
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